Form 15G और 15H का सही उपयोग कैसे करें?
अगर आप Indian stock market में invest करते हैं, तो dividends आपके लिए एक मीठा फल होते हैं। जब कोई कंपनी profit कमाती है और उसका कुछ हिस्सा अपने shareholders के साथ बांटती है, तो उसे dividend कहते हैं। यह आपकी investment पर एक अतिरिक्त कमाई है, और किसे अतिरिक्त कमाई पसंद नहीं आती?
लेकिन, यहाँ एक छोटी सी catch है – TDS (Tax Deducted at Source)। हाँ, हमारे प्यारे Tax Department को आपके dividends पर भी नज़र रखनी होती है। Income Tax Act के तहत, अगर आपका dividend income एक निश्चित सीमा से ज़्यादा होता है, तो dividend देने वाली कंपनी उस पर TDS deduct कर लेती है। यह TDS आपके Pan Card से जुड़ा होता है और बाद में आप इसे अपनी income tax return (ITR) फाइल करते समय claim कर सकते हैं।
लेकिन, क्या होगा अगर आपकी कुल सालाना income इतनी कम है कि आप tax bracket में आते ही नहीं? या आपकी tax liability zero है? ऐसे में, आप TDS क्यों कटने दें? यहीं पर हमारे दोस्त Form 15G और Form 15H पिक्चर में आते हैं। ये दोनों forms आपको dividend income पर TDS deduct होने से बचाने में मदद कर सकते हैं।
चलिए, आज इसी बात पर गहराई से चर्चा करते हैं कि ये forms क्या हैं, किसे इन्हें भरना चाहिए, और इन्हें कैसे इस्तेमाल करें ताकि आपकी मेहनत की कमाई पूरी की पूरी आपके पास आए!
Form 15G और 15H क्या हैं?
सरल शब्दों में कहें तो, Form 15G और Form 15H declarations हैं जो आप dividend देने वाली कंपनी को देते हैं। इन forms को भरकर आप कंपनी को बताते हैं कि आपकी income इतनी नहीं है कि आप पर TDS कटे। इसके बाद, कंपनी आपके dividend पर TDS deduct नहीं करती।
इन दोनों forms का मूल उद्देश्य एक ही है, लेकिन ये दो अलग-अलग categories के लोगों के लिए हैं:
- Form 15G: यह Indian Resident Individual (भारतीय निवासी व्यक्ति) या HUF (Hindu Undivided Family) के लिए है, जिसकी उम्र 60 years से कम है।
- Form 15H: यह Indian Resident Individual (भारतीय निवासी व्यक्ति) के लिए है, जिसकी उम्र 60 years या उससे ज़्यादा है (यानी senior citizens)।
समझने वाली बात यह है कि ये forms सिर्फ Indian residents के लिए हैं। अगर आप Non-Resident Indian (NRI) हैं, तो ये forms आपके काम के नहीं हैं।
किसे भरना चाहिए Form 15G और Form 15H?
यह सवाल बहुत ज़रूरी है। हर किसी को ये forms भरने की ज़रूरत नहीं है। आपको ये forms तभी भरने चाहिए जब आप नीचे दी गई कुछ conditions को पूरा करते हों:
Form 15G के लिए शर्तें:
1. आप एक Indian Resident Individual या HUF हैं।
2. आपकी उम्र 60 years से कम है।
आपकी Total estimated income (सभी स्रोतों से अनुमानित आय) जिस पर tax लगता है, financial year (वित्तीय वर्ष) में basic exemption limit से कम है। (यानी, Rs 2.5 lakh से कम, जो FY 2024-25 के लिए है, यह सीमा बदल सकती है)।
आपकी dividend income सहित सभी incomes पर tax liability zero होनी चाहिए।
आपकी total dividend income (सभी कंपनियों से मिलाकर) एक financial year में TDS threshold (Rs 5,000) से ज़्यादा होनी चाहिए, तभी TDS कटने की संभावना बनती है। लेकिन, अगर आपकी कुल आय basic exemption limit से कम है, तो आप Form 15G भरकर TDS कटने से बच सकते हैं।
Form 15H के लिए शर्तें:
1. आप एक Indian Resident Individual हैं।
2. आपकी उम्र 60 years या उससे ज़्यादा है (यानी आप एक senior citizen हैं)।
आपकी Total estimated income (सभी स्रोतों से अनुमानित आय) जिस पर tax लगता है, financial year में basic exemption limit से कम है। (Senior citizens के लिए यह Rs 3 lakh है, और super senior citizens (80+ years) के लिए Rs 5 lakh। यह भी बदल सकता है)।
आपकी dividend income सहित सभी incomes पर tax liability zero होनी चाहिए।
एक महत्वपूर्ण बात: अगर आपकी कुल income basic exemption limit से ज़्यादा है, या आपकी tax liability zero नहीं है, तो आपको ये forms नहीं भरने चाहिए। ऐसा करने पर आप गलत जानकारी दे रहे होंगे, जिसके लिए penalty लग सकती है।
Form 15G और 15H कैसे और कब भरें?
यह समझना ज़रूरी है कि आपको ये forms कब और किसे देने हैं।
किसे देना है?
जिस भी कंपनी से आपको dividend मिलने वाला है, आपको उस कंपनी के Registrar and Share Transfer Agent (RTA) को ये forms जमा करने होंगे।
उदाहरण के लिए, अगर आपको Reliance Industries से dividend मिलने वाला है, तो आप Reliance के RTA (जैसे KFin Technologies या Link Intime) की वेबसाइट पर जाकर Form 15G/15H जमा कर सकते हैं।
कैसे भरें?
आजकल ज़्यादातर कंपनियां और उनके RTAs ये forms online जमा करने की सुविधा देते हैं। आप उनकी website पर लॉग इन करके या सीधे Form 15G/15H के portal पर जाकर इसे भर सकते हैं।
आपको अपनी कुछ basic details (जैसे PAN, Name, Address, Financial Year), अपनी estimated total income, और estimated dividend income भरनी होगी।
अगर आप offline जमा करना चाहते हैं, तो आप Income Tax Department की वेबसाइट से Form 15G/15H डाउनलोड करके, प्रिंट करके और भरकर RTA को भेज सकते हैं।
कब भरें?
सबसे अच्छा समय है financial year की शुरुआत में (अप्रैल-मई के आसपास), या dividend की घोषणा होने से पहले।
आपको ये forms हर financial year के लिए भरने होते हैं। इसका मतलब है कि अगर आपने इस साल Form 15G भरा है, तो अगले साल फिर से भरना होगा। यह एक one-time declaration नहीं है।
याद रखें: अगर आप किसी कंपनी के shares dematerialized (demat) form में रखते हैं, तो आपका brokerage account (जैसे Zerodha, Groww, Upstox) भी Form 15G/15H जमा करने की सुविधा दे सकता है। broker आपके PAN details को RTA के साथ link करके इस प्रक्रिया में मदद करते हैं।
Form 15G और 15H भरने के फायदे और नुकसान
फायदे (Benefits):
- Immediate Access to Full Dividend: आपको अपने dividend की पूरी राशि बिना TDS deduction के मिलती है। आपको ITR फाइल करते समय refund का इंतजार नहीं करना पड़ता।
- Reduced Paperwork: Refund claim करने की प्रक्रिया से बच जाते हैं, जिससे कागज़ी कार्रवाई और समय दोनों बचते हैं।
- Better Cash Flow: जिन लोगों की income low है और जिन्हें cash flow की ज़रूरत है, उनके लिए यह बहुत फायदेमंद है।
नुकसान (Drawbacks) / सावधानियाँ:
- Responsibility of Declaration: Form भरने की सारी responsibility आपकी है। अगर आप गलत जानकारी देते हैं, और बाद में पता चलता है कि आपकी tax liability zero नहीं थी, तो Income Tax Department penalty लगा सकता है।
- Annual Process: जैसा कि बताया गया है, आपको हर साल ये forms भरने होते हैं। यह थोड़ा cumbersome (थकाने वाला) हो सकता है।
- Monitoring Total Income: आपको अपनी estimated income का सही अनुमान लगाना होगा। अगर आपकी income अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाती है और आप tax bracket में आ जाते हैं, तो आपको बाद में tax का भुगतान करना होगा।
अन्य महत्वपूर्ण बातें
- TDS Threshold: dividends पर TDS तभी कटता है जब dividend amount Rs 5,000 से ज़्यादा हो। अगर आपका dividend इससे कम है, तो वैसे भी TDS नहीं कटेगा। लेकिन, कई कंपनियों से मिलने वाले dividends को मिलाकर यह सीमा पार हो सकती है।
- Penalties: गलत जानकारी देने पर Section 277 के तहत penalty लग सकती है, जिसमें जेल और/या जुर्माना शामिल हो सकता है। इसलिए, declaration बहुत सोच-समझकर और सही जानकारी के साथ करें।
- Tax Audit: अगर आप Form 15G/15H भरते हैं, तो Income Tax Department आपकी income की scrutiny कर सकता है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपकी declaration सही थी।
Conclusion (निष्कर्ष)
Form 15G और Form 15H उन Indian resident investors के लिए एक बेहतरीन उपकरण (tool) हैं जिनकी income कम है और उन पर कोई tax liability नहीं बनती। ये forms आपको अपने dividend income पर TDS कटने से बचाने में मदद करते हैं, जिससे आपका cash flow बेहतर होता है और refund claim करने की परेशानी से बच जाते हैं।
लेकिन, इन forms को भरने से पहले अपनी estimated income और tax liability का सही आकलन करना बहुत ज़रूरी है। ईमानदारी और सटीकता (honesty and accuracy) यहाँ कुंजी है। अगर आप शर्तों को पूरा करते हैं, तो बेझिझक इन forms का उपयोग करें और अपने dividends का पूरा आनंद लें! Happy Investing!
